नई दिल्ली। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy-2020) आने के बाद अब पूरा जोर इसके अमल को लेकर है। इसके तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देशभर के शिक्षकों को संबोधित करेंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए स्कूलों के एजुकेशन सिस्टम में होने वाले बदलावों को लेकर पीएम मोदी चर्चा करेंगे।शिक्षा मंत्रालय ने स्कूलों तक शिक्षा नीति को पहुंचाने के लिए दो दिन का एक सम्मेलन आयोजित किया है। जो गुरूवार से शुरू हुआ। जिसमें देश भर के शिक्षक और प्राधानाचार्य वर्चुअल जुड़कर अपनी बात रखी।

शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अमल और सभी जिम्मेदार लोगों तक इसे पहुंचाने के लिए ‘शिक्षा पर्व’ का आयोजन किया जा रहा है। यह पर्व आठ से 25 सितंबर तक चलेगा। इस दौरान नीति को लेकर ज्यादा से ज्यादा वर्चुअल सम्मेलन और वेबिनार आयोजित किए जाएंगे। इसके लिए सभी शिक्षण संस्थानों और विश्वविद्यालयों को जिम्मा भी सौंपा गया है।

मोदी इससे पहले सात सितंबर को भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर राज्यपालों और राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित कर चुके हैं। इसमें उन्होंने शिक्षा नीति के अमल का पूरा रोडमैप दिया था। साथ ही कहा था कि इसेलागू करने को लेकर ज्यादा लचीला रुख अपनाया जाए। मोदी इससे पहले भी कई मौकों पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अमल को लेकर अपनी बात रख चुके हैं। हालांकि, अब तक के आयोजनों में यह इसलिए भी अलग है, क्योंकि इनमें नीति लागू कराने वाली जमीनी टीम शामिल है।

इससे पहले 7 सितंबर को पीएम मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की भूमिका पर आयोजित राज्यपालों और राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के वर्चुअल सम्मेलन को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने कहा कि विदेश नीति, रक्षा नीति की तरह ही शिक्षा नीति भी देश की होती है, किसी सरकार की नहीं। जिस प्रकार नीति को लचीलेपन के विजन के साथ लाया गया है, उसी तरह सभी को इसके अमल को लेकर भी ज्यादा-से-ज्यादा लचीलापन दिखाना होगा। साथ ही यह भी कहा कि यह नीति सिर्फ पढ़ाई-लिखाई के तौर-तरीकों में ही बदलाव के लिए नहीं है। यह 21वीं सदी के भारत के सामाजिक और आर्थिक जीवन को नई दिशा देने वाली है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here