नई दिल्ली,-हिंदुस्तान यूनीलीवर कंपनी ने अपने प्रोडक्ट फेयर एंड लवली से फेयर शब्द हटाने क ऐलान कर दिया है। कंपनी ने नए नाम के लिए आवेदन भी कर दिया है, लेकिन अभी उसे स्वीकृति नहीं मिल सकी है। कंपनी के इस कदम का लोगों ने स्वागत किया है। इस बीच बॉलीवुड एक्ट्रेस विपाशा बसु ने अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर किया है जिसमें उन्होंने सांवलेपन को लेकर अपनी एक्सपीरियंस शेयर किया है कि उन्होंने बचपन से लेकर अब तक क्या-क्या झेला।

बिपाशा ने लिखा, ‘जब मैं बड़ी हो रही थी, तब मैं ये सुनते हुए बड़ी हुई कि ‘बोनी सोनी से ज्यादा सांवली है, वो काफी सांवली-काली है ना?’ हालांकि मेरी मां भी सांवली और सुंदर थी और मैं काफी हद तक उन्हीं की तरह दिखती हूं। लेकिन मैं ये कभी समझ नहीं पाई कि जब मैं बच्ची थी तो मेरे रिश्तेदारों में शरीर के रंग को लेकर ये चर्चाएं क्यों हुआ करती थीं?’।

जल्द ही 15/16 साल की उम्र से मैंने मॉडलिंग शुरू कर दी है और मैंने सुपरमॉडल कॉन्टेस्ट जीता। सारे न्यूज़पेपर में लिखा था, कोलकाता की सांवली लड़की ने ये खिताब जीता। मुझे फिर हैरानी हुई कि क्यों मेरे सांवले कलर को पहले देखा जाता है? फिर मैं न्यूयॉर्क और पैरिस गई मॉडलिंग के काम के लिए, और वहां मैंने ये एहसास किया कि मेरा स्किन कलर वहां काफी अलग था जिसकी वजह से मुझे काफी काम मिला और ज्यादा अटेंशन मिला। फिर जब मैं वापस इंडिया आई तो मुझे फिल्मों के ऑफर मिलना शुरू हो गए। और आखिरकार मेरी पहली फिल्म रिलीज़ हुई ‘अजनबी’। मुझे खूब प्यार मिला। सभी ने मुझे स्वीकारा और प्यार दिया। लेकिन मेरा कलर फिर भी वहां पहला एडजेक्टिव रहा कि सांवली रंग की लड़की(DUSKY) ने फिल्मों में डेब्यू कर के लोगों को चौंकाया’।

‘इसके बाद ज्यादातर आर्टिकल में मेरे सांवलेपन की चर्चा होती थी, इसे मेरी सेक्स अपील से भी जोड़ दिया गया.. और धीरे-धीरे इस बात को बॉलीवुड में बड़े पैमान पर स्वीकार किया जाने लगा। हालांकि मुझे कभी ये समझ नहीं आया, क्योंकि मेरे हिसाब से सेक्सी होना एक पर्सनैलिटी है, ये सिर्फ आपकी स्किन का रंग भर नहीं है। तब सुंदरता को लेकर बहुत ही कड़े विचार थे कि एक एक्ट्रेस को कैसे दिखना चाहिए और बिहेव करना चाहिए, उस वक्त मुझे काफी अलग रखा गया था। हालांकि, ये सब मुझे कभी वो करने से नहीं रोक पाया जो मैं करना चाहती थी’।

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